Sanchi Stupa: मनमोहक साँची स्तूप: साँची बौद्ध स्तूप की मेरी यात्रा
Sanchi Stupa: साँची स्तूप के बारे में पहले आपको कुछ जानकारी दे देता हूँ जिससे आपको मेरे इस ट्रेवल ब्लॉग को पढ़ने में मज़ा आएगा। साँची स्तूप भारत के मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं, साँची स्तूप प्राचीन भारत की स्थापत्य कला और धार्मिक महत्व को दर्शाने वाले सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध बौद्ध स्मारकों में से एक है।
सांची स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक महान ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में करवाया था। यह भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचनाओं में से एक है और इसका निर्माण सम्राट अशोक ने बुद्ध के अवशेषों को रखने के लिए करवाया था।
आज, सांची स्तूप हजारों पर्यटकों, इतिहासकारों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने का केंद्र है। इस स्थल में कई अन्य स्तूप, मंदिर, मठ और एक पुरातात्विक संग्रहालय शामिल हैं, जो इस स्थल पर पाई गई विभिन्न कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है। मैं संग्रहालय की कुछ तस्वीरें साझा करूँगा जो मैंने सांची की अपनी यात्रा के दौरान खींची थीं। सांची मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 46 किलोमीटर दूर है। यहाँ सड़क और रेल द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और यहाँ से सबसे निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में है।
खैर, ये थी सांची स्तूप के बारे में कुछ जानकारी जो आपको यहाँ तक ले जाएगी। आगे आप मेरी यात्रा के बारे में पढ़ेंगे। तो मेरी यात्रा भोपाल से शुरू हुई, रविवार की सुबह थी, बिना किसी काम के कॉफी की चुस्कियाँ ले रहा था और तभी मेरे अंदर के ट्रैवलर ने अंगड़ाई ली, और मैं अपनी मंजिल की ओर निकल पड़ा।
मुझे भोपाल से साँची पहुँचने में करीब 1:30 घंटे लगे होंगे, वहाँ पहुँच कर मैंने टिकट खरीदा जो सबके लिए अनिवार्य है। मैं बाइक से गया था तो मुझे सीधे स्तूप के पास बाइक से जाने का मौका मिला। ऊपर पहुँच कर मैंने अनावश्यक सामान वहाँ उपलब्ध लॉकर में रख दिया। और मैंने अपना कैमरा और पानी की बोतल अपने साथ रख ली, वैसे तो वहाँ पानी की बोतल और नाश्ता मिलता है लेकिन मुझे पता नहीं था इसलिए मैं उसे भी साथ ले गया था।
मैंने अभी सांची स्तूप की ओर कुछ कदम ही बढ़ाए थे कि मुझे नज़र आया कि यह किताबों या तस्वीरों में दिखने वाले स्तूप से कहीं ज़्यादा बड़ा था। और फिर मैंने अपनी आँखों से उस पूरे क्षेत्र को अपने दिल में कैद करना शुरू कर दिया, और हाँ, मैंने अपने कैमरे में कुछ वीडियो और तस्वीरें भी खींचनी शुरू कर दीं। सांची स्तूप के हर हिस्से में बसी इतिहास की कहानियाँ जानने की मेरी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।
मैंने वहाँ इतनी तस्वीरें खींचीं कि मैं आपको बता नहीं सकता, शायद मैंने उस समय तक की कई यात्राओं में कभी इतनी तस्वीरें नहीं खींची थीं। फिर कुछ और समय इस ऐतिहासिक जगह का आनंद लेने के बाद मैं सांची स्तूप से जुड़े कुछ और अवशेष देखने के लिए पुरातत्व संग्रहालय की ओर निकल पड़ा। मैंने वहाँ कुछ तस्वीरें भी लीं, लेकिन मुझे फ्लैश का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी, इसलिए मैं सिर्फ़ कुछ तस्वीरें ही ले पाया, कुछ तस्वीरें आप यहाँ देख सकते हैं।
अगर आपके मन में कुछ विचार या सुझाव हैं तो आप कॉमेंट में अपने उन्हें लिख सकते है। जल्द ही मुलाकात होगी आपसे मेरी ज़िंदगानी के अगले ट्रेवल ब्लॉग में।
अगर आपको ट्रैवल व्लॉग देखना पसंद है तो आप सोशल मीडिया पर फॉलो और सब्सक्राइब करके भी मेरा समर्थन कर सकते हैं।