मेरे और मेरे ब्लॉग MeriZindagani.com के बारे में
नमस्कार ,मैं पंकज शर्मा हूँ
मैं हमेशा से ही दुनिया की खूबसूरत जगहों के बारे में सोचा करता था की वहां लोग कैसे होंगे, कैसे अपना जीवन जीते होंगे वहां की आबोहवा कैसी होगी वगैरा वगैरा। पता नहीं क्यूँ मैं बचपन से ही मैं हमेशा अपने घर के बाहर की दुनिया से आकर्षित रहा हूँ। अलग-अलग संस्कृतियों, पहाड़ों और उनमे रहने वाले लोगों की कहानियों ने मेरे अंदर जिज्ञासा जगाई हुई थी, जो समय के साथ और भी गेहरी होती चली गयी गई।
ट्रेवल ब्लॉगिंग में मेरी रुचि जिज्ञासा और खुशी की भावना से शुरू हुई। मेरे लिए, जीवन का सही अर्थ दुनिया में रहना और घर बनाना नहीं है, बल्कि अलग-अलग जगहों की यात्रा करना और ईश्वर की रचना के बारे में सीखना और जो मैं सीखता हूँ उसे दूसरों के साथ साझा करना है।
मैं जिस भी सफ़र पर जाता हूँ, चाहे वो किसी हलचल भरे शहर की सड़कें हों या किसी गाओं की शांत और सकूं से भरी खूबसूरत वादियां, हर बार एक अलग ही तरह का अनुभव मिलता है। मेरा मानना है कि यात्रा केवल उन जगहों के बारे में नहीं है जहाँ हम जाते हैं, बल्कि उन कहानियों और किस्सों के बारे में है जो हम रास्ते में इकट्ठा करते हैं।
यह ब्लॉग क्यों?
पहले जब भी मैं किसी यात्रा पर जाता था तो कभी नहीं सोचा था कि मैं एक ब्लॉग बनाऊंगा और अपनी यात्रा की कहानियाँ किसी के साथ साझा करूँगा। हालाँकि, मैंने इस ब्लॉग के लिए एक नाम भी सोच लिया था और एक वेबसाइट डोमेन भी खरीद लिया था, लेकिन इसे कभी ठीक से शुरू नहीं कर पाया। शुरुआत में मैं अंग्रेज़ी में पोस्ट लिखता था और फिर मैंने लिखना बंद कर दिया। क्योंकि मैं अपनी भावनाओं को अंग्रेज़ी में ठीक से व्यक्त नहीं कर पाता था और अंग्रेज़ी में ब्लॉग लिखने से मुझे वो एहसास नहीं होता था, और मुझे समय भी बहुत लगता था।
एक दिन मैं एक कहानी पढ़ रहा था जो हिंदी में थी, जो बहुत ख़ास तो नहीं थी लेकिन मुझे अच्छी लगी। और फिर मुझे कहीं एक किताब मिली जो अंग्रेज़ी में थी, मैंने उसे पढ़ा, वो अच्छी थी लेकिन मुझे उसमें उतना मज़ा नहीं आया जितना हिंदी में लिखी एक साधारण कहानी पढ़कर आया।
मुझे समझ में आया कि कहानी भाषा को व्यक्त करने के लिए नहीं बल्कि भावनाओं को व्यक्त करने के लिए होती है। और फिर मैंने मन बना लिया कि अब मैं अपना ब्लॉग हिंदी में ही बनाऊँगा और अपनी कहानियाँ आपके साथ साझा करूँगा।
क्या आप मुझसे जुड़ना या कुछ जानना चाहते हैं।
जीवन का सही अर्थ दुनिया में रहना और घर बनाना नहीं है, बल्कि अलग-अलग जगहों की यात्रा करना और ईश्वर की रचना के बारे में सीखना और जो मैं सीखता हूँ उसे दूसरों के साथ साझा करना है।